भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: जानिए क्या हैं इसके चार बड़े कारण
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के लिए एक काला दिन साबित हुआ। बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी, बड़ी गिरावट के साथ खुले और दिन भर में टूटते ही चले गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1048 अंक गिरकर बंद हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 345 अंक नीचे आ गया। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था का प्रभाव प्रमुख है। आइए, समझते हैं इसके कारण।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
सोमवार को बाजार में सेंसेक्स 77,378.91 के स्तर से गिरकर 76,629.90 पर खुला और दिन भर गिरता चला गया। कारोबार के अंत में, यह 1049 अंक या 1.36% की गिरावट के साथ 76,330.01 पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी भी 23,431.50 से गिरकर 23,085.95 पर बंद हुआ, यानी 345.55 अंक या 1.47% की गिरावट आई।
शेयर बाजार की गिरावट के 4 बड़े कारण
अब बात करते हैं उन कारणों की, जिनकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में इतनी भारी गिरावट आई:
- अमेरिका में मजबूत रोजगार डेटा
अमेरिका से एक ताजा रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया कि दिसंबर में वहां 2.56 लाख नई नौकरियां जुड़ी हैं, जो अनुमान से बहुत ज्यादा है। इस डेटा ने यह संकेत दिया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है, जिससे US फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं। इसका असर यह हुआ कि निवेशक अब भारत सहित अन्य देशों के बाजार से पैसा निकालकर अमेरिकी बाजार में निवेश कर रहे हैं। - भारतीय रुपया गिरा
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया सोमवार को गिरकर 86.31 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, क्योंकि रुपये की कमजोरी से निर्यातकों को फायदा होता है, लेकिन विदेशी निवेशकों को नुकसान होता है, जो शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। - विदेशी निवेशकों की बिकवाली
अर्थव्यवस्था की धीमी गति और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों को लेकर निवेशकों के मन में निराशा बनी हुई है। इसके चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, जिससे शेयरों में गिरावट आ रही है। - क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी
क्रूड ऑयल की कीमतें अब 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी हैं। इससे वैश्विक महंगाई का खतरा बढ़ गया है, और इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हो रहा है।
सेंसेक्स, निफ्टी और अन्य शेयरों की हालत
सोमवार को लार्जकैप से लेकर स्मॉलकैप तक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। कुछ प्रमुख लार्जकैप कंपनियों के शेयरों की स्थिति इस तरह रही:
- Zomato: -6.52%
- PowerGrid: -4.09%
- Adani Ports: -4.08%
- Tata Steel: -3.49%
मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में भी गिरावट थी:
- AWL: -10%
- RVNL: -8.94%
- Policy Bazar: -8.90%
- JustDial: -12.98%
इन सभी गिरावटों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
निवेशकों को सलाह
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें। यह जरूरी है कि आप अपने जोखिम की स्थिति को समझें और अपनी निवेश रणनीति उसी हिसाब से बनाएं।
अंत में, इस गिरावट के बावजूद, बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि निवेश करते वक्त हमेशा सूझबूझ से काम लें।
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: जानिए क्या हैं इसके चार बड़े कारण
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के लिए एक काला दिन साबित हुआ। बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी, बड़ी गिरावट के साथ खुले और दिन भर में टूटते ही चले गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1048 अंक गिरकर बंद हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 345 अंक नीचे आ गया। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था का प्रभाव प्रमुख है। आइए, समझते हैं इसके कारण।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
सोमवार को बाजार में सेंसेक्स 77,378.91 के स्तर से गिरकर 76,629.90 पर खुला और दिन भर गिरता चला गया। कारोबार के अंत में, यह 1049 अंक या 1.36% की गिरावट के साथ 76,330.01 पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी भी 23,431.50 से गिरकर 23,085.95 पर बंद हुआ, यानी 345.55 अंक या 1.47% की गिरावट आई।
शेयर बाजार की गिरावट के 4 बड़े कारण
अब बात करते हैं उन कारणों की, जिनकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में इतनी भारी गिरावट आई:
- अमेरिका में मजबूत रोजगार डेटा
अमेरिका से एक ताजा रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया कि दिसंबर में वहां 2.56 लाख नई नौकरियां जुड़ी हैं, जो अनुमान से बहुत ज्यादा है। इस डेटा ने यह संकेत दिया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है, जिससे US फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं। इसका असर यह हुआ कि निवेशक अब भारत सहित अन्य देशों के बाजार से पैसा निकालकर अमेरिकी बाजार में निवेश कर रहे हैं। - भारतीय रुपया गिरा
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया सोमवार को गिरकर 86.31 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, क्योंकि रुपये की कमजोरी से निर्यातकों को फायदा होता है, लेकिन विदेशी निवेशकों को नुकसान होता है, जो शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। - विदेशी निवेशकों की बिकवाली
अर्थव्यवस्था की धीमी गति और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों को लेकर निवेशकों के मन में निराशा बनी हुई है। इसके चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, जिससे शेयरों में गिरावट आ रही है। - क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी
क्रूड ऑयल की कीमतें अब 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी हैं। इससे वैश्विक महंगाई का खतरा बढ़ गया है, और इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हो रहा है।
सेंसेक्स, निफ्टी और अन्य शेयरों की हालत
सोमवार को लार्जकैप से लेकर स्मॉलकैप तक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। कुछ प्रमुख लार्जकैप कंपनियों के शेयरों की स्थिति इस तरह रही:
- Zomato: -6.52%
- PowerGrid: -4.09%
- Adani Ports: -4.08%
- Tata Steel: -3.49%
मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में भी गिरावट थी:
- AWL: -10%
- RVNL: -8.94%
- Policy Bazar: -8.90%
- JustDial: -12.98%
इन सभी गिरावटों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट: मुख्य कारण और प्रभावित शेयर
कारण | विवरण |
---|---|
1. अमेरिका में मजबूत रोजगार डेटा | अमेरिका में दिसंबर में 2.56 लाख नई नौकरियां जुड़ीं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत मिला। इसने US फेड द्वारा दरों में कटौती की उम्मीदें घटा दीं। |
2. भारतीय रुपया कमजोर हुआ | रुपया 86.31 प्रति डॉलर तक गिरा, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास घटा और बाजार में बिकवाली बढ़ी। |
3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली | कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और धीमी आर्थिक वृद्धि के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसे निकाले। |
4. क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि | क्रूड की कीमतें 81 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर गईं, जिससे महंगाई का खतरा बढ़ा और निवेशकों का विश्वास घटा। |
बाजार में गिरावट: प्रमुख शेयर
शेयर | गिरावट (%) |
---|---|
Zomato | -6.52% |
PowerGrid | -4.09% |
Adani Ports | -4.08% |
Tata Steel | -3.49% |
AWL | -10% |
RVNL | -8.94% |
Policy Bazar | -8.90% |
JustDial | -12.98% |
निवेशकों को सलाह
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें। यह जरूरी है कि आप अपने जोखिम की स्थिति को समझें और अपनी निवेश रणनीति उसी हिसाब से बनाएं।
अंत में, इस गिरावट के बावजूद, बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि निवेश करते वक्त हमेशा सूझबूझ से काम लें।