साल 2023 के आखिरी महीने में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ बड़े फैसले लिए हैं। 18 दिसंबर को जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, आरबीआई ने चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसका मतलब है कि ये कंपनियां अब वित्तीय सेवाएं नहीं दे पाएंगी। वहीं, दो कंपनियों पर लगे प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, जिससे उन्हें राहत मिली है।
किन कंपनियों के लाइसेंस रद्द हुए?
आरबीआई ने जिन चार कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं, वे तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की हैं:
- मारवाह फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (रायपुर, छत्तीसगढ़)
- राम एलॉय कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (कौशांबी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश)
- पीवीसी कैपिटल लिमिटेड (चेन्नई, तमिलनाडु)
- रेनबो फाइनेंस इंडिया लिमिटेड (कांचीपुरम, तमिलनाडु)
अब ये कंपनियां किसी भी तरह की वित्तीय सेवाएं, जैसे लोन देना या निवेश लेना, नहीं कर पाएंगी।
जिन कंपनियों को राहत मिली
आरबीआई ने दो कंपनियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है:
- ईसीएल फाइनेंस लिमिटेड:
इस कंपनी को थोक लेनदेन करने से रोका गया था। लेकिन अब, आरबीआई ने यह रोक हटा ली है। - एडलवाइस रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड:
इस कंपनी पर वित्तीय संपत्तियों को खरीदने और सुरक्षा रसीदों को पुनर्गठित करने पर रोक थी। कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया, जिसके बाद यह प्रतिबंध भी हटा लिया गया।
आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
- जिन कंपनियों का लाइसेंस रद्द हुआ है, वे अब कोई भी वित्तीय सेवा नहीं दे सकेंगी।
- वहीं, जिन कंपनियों को राहत मिली है, वे अब सामान्य रूप से अपना कारोबार फिर से शुरू कर सकती हैं।
क्यों हैं ये फैसले ज़रूरी?
आरबीआई का यह कदम ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल विश्वसनीय और नियमों का पालन करने वाली कंपनियां ही वित्तीय क्षेत्र में काम करें।
अगर आपने इनमें से किसी कंपनी के साथ लेनदेन किया है, तो आप आरबीआई या संबंधित बैंक से संपर्क कर सकते हैं।